IVF प्रेग्नेंसी के लक्षण और उससे जुड़े तथ्य

आईवीएफ उपचार ( IVF treatment ) यानी कि फर्टिलिटी ट्रीटमेंट बांझपन से पीड़ित व्यक्ति या फिर कपल्स के लिए एक वरदान है आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान स्त्री के अंडे और पुरुष के स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज करके भ्रूण तैयार किया जाता है और भ्रूण तैयार करने के बाद उसे महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है जिसके बाद बांझपन से पीड़ित महिलाएं बच्चा पैदा कर सकती है।

आईवीएफ ट्रीटमेंट हो जाने के बाद गर्भाशय की पुष्टि करने के लिए डॉ 14 दिनों का समय लेता है और इतना समय गर्भाशय की जांच करने के लिए उपयुक्त भी रहता है।

जब स्थानांतरण हो जाता है तो उसके बाद भ्रूण खुद को गर्भाशय के स्तर से जोड़ता है और जुड़ जाने के बाद भ्रूण का विकास होता है और धीरे-धीरे गर्भस्थ शिशु के रूप में परिवर्तित हो जाता है।

महिलाएं आईवीएफ ( IVF ) गर्भावस्था के लक्षणों को देखकर अंदाजा लगा सकती है कि वह गर्भवती हुई है या नहीं लेकिन यह लक्षण जरूरी नहीं है कि यही साबित करें कि महिला गर्भवती है क्योंकि कभी कभी यह संकेत झूठ भी हो सकते हैं क्योंकि आरोपण से पहले और बाद में जो आप दवाइयां लेते हैं वह इन लक्षणों का कारण हो सकती है।

आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण

आईवीएफ ट्रीटमेंट ( IVF treatment ) के बाद महिलाएं गर्भवती होती है तो यह लक्षण भी नजर आने लगते हैं हम आपको और लक्षण नीचे लिख कर बता रहे हैं आप एक बार उन पर नजर जो डालें।

ऐठन

यह सबसे पहला संकेत होता है महिला के श्रेणी क्षेत्र में अगर ऐठन होती है तो इसका मतलब जो आईवीएफ उपचार किया गया है वह सफल रहा है लेकिन कई बार कुछ महिलाओं में आईएफएफ की प्रक्रिया के कारण भी ऐंठन हो सकती है ट्रीटमेंट के बाद महिलाओं को प्रोजेस्टेरोन दवाइयों का सेवन करना पड़ता है जो ऐठन उत्पन्न करता है।

जी मिचलाना

जी मिचलाना भी आईवीएफ ट्रीटमेंट कि सफलता को दर्शाता है यह लक्षण काफी दुर्लभ है क्योंकि यह आमतौर पर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे महीने में जी मिचलाना और मॉर्निंग सिकनेस जैसे लक्षण नजर आते हैं लेकिन अगर आईवीएफ के तुरंत बाद यह नजर आते हैं तो अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी तो इसलिए अगर आपको बार-बार जी मिचलाने की समस्या होती है तो इसके लिए आपको डॉक्टर से सलाह जरूर करनी चाहिए।

थकान या कमजोरी

गर्भवती होने के बाद महिलाओं की डिलीवरी तक महिला को थकान और कमजोरी महसूस होती है और उचित खानपान और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज के बाद भी अगर थकान महसूस होती है तो गर्भवती होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है क्योंकि थकान के साथ महिला को नींद भी ज्यादा आती है और हां यह डॉक्टर के द्वारा प्रजनन दवाइयों का साइड इफेक्ट भी हो सकता है जब शरीर में प्रोजेस्ट्रोन का स्तर बढ़ता है तो थकान महसूस होती है और नींद भी आती है।

पेशाब करने की आवश्यकता बढ़ जाना

पहले से अधिक पेशाब लगना भी गर्भावस्था की सफलता को दर्शाता है एचसीजी गर्भावस्था हार्मोन होता है जिसकी मात्रा बढ़ने से अधिक पेशाब आता है जब गर्भाशय के अंदर भ्रूण विकसित होता है तो शरीर में रक्त बढ़ने लगता है इस वजह से पेशाब ज्यादा आता है और कई दुर्लभ परिस्थितियां होती है जिसमें यह मूत्र पथ के संक्रमण के कारण भी होता है इसमें यह लक्षण नजर आते हैं पेशाब करने में दर्द, बुखार, ब्लीडिंग, मलती और उल्टी आना, बहुत तेज पेशाब आना, अगर यह लक्षण आते तो डॉक्टर से जानकारी जरूर ले।

सूजन

अगर पेट में सूजन आती है तो महिला गर्भवती है का संकेत करती है मगर सूजन फर्टिलिटी ड्रग्स के कारण भी आ सकती है जब अधिक मात्रा में प्रजनन दवाइयां ली जाती है तो पाचन धीमा हो जाता है इसके वजह से पेट के आसपास हल्का सूजन आना स्वभाविक है।

डिस्चार्ज में बदलाव

अगर महिला गर्भवती हो गई है तो योनि से एक सफेद पतला तरल डिस्चार्ज भी देखा जा सकता है जो कि हल्का समेल भी करता है और आईवीएफ के बाद डॉक्टर वेजाइनल टेबलेट या जेल देते हैं यह भी वेजाइनल डिसचार्ज के लक्षण उत्पन्न कर सकता है।

पीरियड मिस होना

अगर आपके पीरियड्स हर महीने समय पर आते हैं लेकिन आईवीएफ उपचार के बाद मिस हो गए हैं तो यह गर्भावस्था का संकेत हो सकता है।

ब्लीडिंग

ट्रीटमेंट के अंदर लगभग 7 या 8 दिन बाद महिला अंडरवियर में खून के धब्बे पाती है तो उसका मतलब भ्रूण यूटरिन लाइनिंग में प्लांट हो चुका है तो योनि से हल्की ब्लीडिंग या स्पोटिंग गर्भावस्था की ओर संकेत करता है हल्की स्पोटिंग होना सामान्य है इस पर चिंता जाहिर नहीं करनी चाहिए या तो या गर्भावस्था के कारण हो सकता है या लगातार प्रोजेस्ट्रोन के सेवन के कारण हो सकता है अगर फिर भी महिला को आसाम आने लगता है तो डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।

स्तन में दर्द

महिला जब गर्भवती हो रही होती है तो स्तन में हल्का दर्द शुरू होता है स्तन कोमल और आकार बढ़ जाता है हल्का सूजन आ जाता है छूने से दर्द देता है यह लक्षण बताते की महिला गर्भवती हो गई है स्थान की कोमलता गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न होने वाले हारमोंस के कारण होती है और इंजेक्शन या मौखिक रूप से ली जा रही प्रोजेस्ट्रोन भी स्तन के कोमलता और दर्द का कारण बन सकती है।

तो दोस्तों यह थे आईवीएफ प्रेगनेंसी के लक्षण और उससे जुड़े तथ्य. आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए प्रेम हॉस्पिटल मेरठ की वेबसाइट में विजिट कर सकते हैं।

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